UTTARAKHAND HELTH NEWS विश्व स्ट्रोक दिवस की पूर्व संध्या पर मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल देहरादून ने स्ट्रोक के रोगियों के लिए तत्काल चिकित्सा देखभाल के महत्व पर जागरूक किया। न्यूरोलॉजी (मस्तिष्क) के डायरेक्टर डा.शमशेर द्विवेदी और न्यूरोलॉजी (मस्तिष्क) के सीनियर कंसल्टेंट डा.नितिन गर्ग ने प्रैस क्ल्ब में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान स्ट्रोक प्रबंधन में रैपिड इंटरवेशन के जीवन-रक्षक प्रभाव पर प्रकाश डाला और हाल ही में आये एक मामले पर चर्चा की जो आधुनिक न्यूरोलॉजिकल देखभाल में हॉस्पिटल की विशेषज्ञता को दर्शाती है। UTTARAKHAND HELTH NEWS
UTTARAKHAND HELTH NEWS ऐसा ही एक मामला 39 वर्षीय पुरुष मरीज का है। जिसे बाएं तरफ कमजोरी, चेहरे का टेढ़ापन और बोलने में असमर्थता की समस्या हुई। इसके कारण उसे हॉस्पिटल लाया गया था। डा.शमशेर द्विवेदी ने बताया रोगी के लक्षण अस्पताल पहुंचने से 30 मिनट पहले शुरू हुए थे। जो कि स्ट्रोक इलाज में यह एक महत्वपूर्ण समयावधि है।
मरीज को तुरंत भर्ती कर न्यूरोलॉजी टीम की देखरेख में आगे के परीक्षण और प्रबंधन के लिए कदम उठाए गए। टीम द्वारा स्ट्रोक का चेकअप किया गया। जिसमें सीटी और एमआरआई ब्रेन स्कैन,और मस्तिष्क और गर्दन का एंजियोग्राम शामिल था। रोगी को 15 दिन पहले भी इसी तरह के लक्षणों का सामना करना पड़ा था। जो अपने आप ठीक हो गए थे। UTTARAKHAND HELTH NEWS
UTTARAKHAND HELTH NEWS मैक्स हॉस्पिटल देहरादून ने रैपिड स्ट्रोक इंटरवेशन और आधुनिक न्यूरोलॉजिकल देखभाल से बचाया मरीज का जीवन
लक्षणों के दोबारा आने से रैपिड इंटर्वेंशन की आवश्यकता थी जो कि समय पर इलाज करने के कारण हम स्थिति को बिगड़ने से पहले ही नियंत्रित करने में सक्षम हुए।। उन्होंने आगे बताया मरीज के परीक्षणों से पता चला कि कैरोटिड धमनियों में हल्की पट्टी बनी हुई थी। हालांकि कोई बड़ी रुकावट नहीं पाई गई। मस्तिष्क में कुछ क्रोनिक इस्केमिक स्पॉट भी देखे गए।
2डी इकोकार्डियोग्राम और होल्टर मॉनिटरिंग सहित अतिरिक्त परीक्षणों से पता चला कि हृदय सामान्य कार्य कर रहा है और वर्तमान में मरीज रिकवरी प्रक्रिया के रूप में फिजियोथेरेपी सत्र ले रहा है। डा.नितिन गर्ग ने समय पर देखभाल के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि स्ट्रोक प्रबंधन के लिए न केवल सटीक परीक्षणों की आवश्यकता होती है। बल्कि शीघ्र उपचार की भी आवश्यकता होती है। इस मामले में मरीज के लक्षण तेज़ी से बढ़े थे।
लेकिन टीम की शीघ्र प्रतिक्रिया ने दीर्घकालिक परेशानियों से बचने में मदद की। हमारा लक्ष्य हमेशा यह सुनिश्चित करना होता है कि मरीजों को सर्वाेत्तम संभव देखभाल मिले और यह मामला इलाज़ में समय के महत्व को भी दर्शाता है। उपचार के दौरान मरीज न्यूरोलॉजिकली और हेमोडायनामिकली स्थिर रहा। कई दिनों की निगरानी और उपचार के बाद उनके स्वस्थ्य में सुधार दिखाई देने लगा और उनकी स्थिर स्थिति में हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया। मरीज की सफल रिकवरी यह दर्शाती है कि समय पर इलाज और आधुनिक चिकित्सा देखभाल स्ट्रोक प्रबंधन में कितना महत्वपूर्ण है।