
जनपद में एक भावुक पल देखने को मिला, जब बालिका राधिका ने जिलाधिकारी गढ़वाल स्वाति एस. भदौरिया से अपनी शिक्षा जारी रखने की गुहार लगायी। आर्थिक तंगी और पारिवारिक संकट के कारण पढ़ाई बीच में रुकने के कगार पर थी, लेकिन जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई की।
जिलाधिकारी ने “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना” के अंतर्गत राधिका की पढ़ाई सुनिश्चित करने के निर्देश जिला कार्यक्रम अधिकारी को दिये। उन्होंने निर्देशों का पालन करते हुए राधिका का प्रवेश स्नातक प्रथम वर्ष (बी.ए. ओपन) में करा दिया है और पठन-पाठन सामग्री भी उपलब्ध करायी। कार्यक्रम अधिकारी थपलियाल ने बताया कि राधिका के प्रथम सेमेस्टर की फीस 5 हजार रुपये जमा कर दी गयी है और आगे की शिक्षा का पूरा खर्च भी योजना के अंतर्गत वहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह प्रयास केवल राधिका तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि विभाग गरीब और जरूरतमंद परिवारों की अन्य बालिकाओं को भी शिक्षा से जोड़ने के लिये प्रतिबद्ध है।
गौरतलब है कि घुड़दौड़ी स्थित पाबौ मल्ला गांव की राधिका के पिता का निधन हो चुका है और उनकी मां मजदूरी कर किसी तरह घर का खर्च उठाती हैं। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद राधिका की शिक्षा के प्रति लगन देखकर जिलाधिकारी ने उसके भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी उठायी।
राधिका ने अपने भाव साझा करते हुए कहा कि 2024 में बारहवीं की परीक्षा पास करने के बाद घर की स्थिति खराब होने से मैं आगे पढ़ाई नहीं कर पा रही थी, लेकिन मेरी इच्छा हमेशा पढ़ाई करने की रही। जिलाधिकारी की मदद से आज मेरा बी.ए. में दाखिला हो गया है। इसके लिये मैं जिलाधिकारी और बाल विकास विभाग की आभारी हूं।
जिलाधिकारी भदौरिया ने कहा कि प्रशासन का प्रयास है कि कोई भी प्रतिभावान बालिका आर्थिक अभाव के कारण शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि राधिका का बी.ए. में बेटी बचाओ बेटी बचाओ योजना के तहत एडमिशन करा दिया गया है। साथ ही पठन–पठान की सामग्री भी उपलब्ध करायी गयी है। कहा कि यह योजना बेटियों के लिये बेहतर साबित हो रही है। आगे भी इसी इस तरह के कार्य किये जाएंगे।