
फ्लोर मिल स्वामियों ने मंडी समिति कार्यालय के बाहर धरना देकर मंडी प्रशासन पर फ्लोर मिल स्वामियों का शोषण करने का आरोप लगाया। इस दौरान उन्होंने मंडी प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
उन्होंने आरोप लगाया कि मंडी प्रशासन मंडी लाइसेंस रिन्यूअल कराने की एवज में बीते एक साल का विकास सेस नाजायाज तरीके से मांग रहे है। सोमवार को फ्लोर मिल स्वामियों ने मंडी समिति कार्यालय के बाहर दरी बिछाकर धरना दिया। यहां गुरुनानक फ्लोर मिल के स्वामी सुरेश ढ़ीगरा ने आरोप लगाया कि वह लोग अपना मंडी लाइसेंस रिन्यूअल कराने के लिए मंडी समिति में एकत्रित हुए थे।
तब मंडी सचिव ने उन्हें बताया कि कोर्ट का आदेश हुआ है कि बीते एक साल का विकास सेस जमा करने पर ही मंडी लाइसेंस रिन्यूअल संभव है। जबकि अभी कोर्ट से अभी तक कोई आदेश अपलोड नहीं हुआ है, ना ही मंडी समिति के पास कोई लिखित आदेश आया है। इसके अलावा केंद्र सरकार का नियम है कि कोई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट अन्य प्रदेश से अनाज खरीद कर ला रही है तब राज्य सरकार का किसी भी प्रकार का शुल्क लगाने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ वह कोर्ट में गए है। कोर्ट का भी जो भी आदेश आएगा वह उसका पालन करेंगे। राज्य सरकार उनका नाजायज तरीके से शोषण कर रही है। धरना देने वालों में अनिल गोयल, बंटी गोयल आदि थे। कुछ फ्लोर स्वामी हाईकोर्ट गए थे। तब हाईकोर्ट में तय हुआ था कि पिछले एक साल का विकास सेस फ्लोर मिल मालिकों से लिया जाए। उसके बाद ही लाइसेंस रिन्यूअल किया जाए। इसलिए विकास सेस जमा नहीं करने पर लाइसेंस रिन्यूअल करना उचित नहीं होगा। -मोहन चंद्र जोशी, मंडी सचिव, किच्छा।