
अंतरराष्ट्रीय प्लास्टिक बैग मुक्त दिवस पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि यह दिन केवल जागरूकता का माध्यम नहीं, बल्कि एक वैश्विक आंदोलन का प्रतीक है। जो हमें पृथ्वी को प्लास्टिक प्रदूषण से बचाने के लिए प्रेरित करता है। इस दौरान क्षेत्र में स्वच्छता अभियान भी चलाया गया। गुरुवार को परमार्थ निकेतन आश्रम में आयोजित कार्यक्रम में स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक वह ऐसी चीज है जिसे हम कुछ ही मिनटों के उपयोग के बाद फेंक देते हैं, लेकिन इसका प्रभाव सदियों तक हमारी धरती पर बना रहता है।
यह सुविधा भले ही हमें तुरंत मिलती है, लेकिन इसका पर्यावरणीय मूल्य अत्यंत भारी होता है। यह प्लास्टिक लगभग 100 से 500 वर्षों तक टूटता नहीं, गलता नहीं, बल्कि मिट्टी, जल और वायु को प्रदूषित करता रहता है। स्वामी महाराज ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक से छुटकारा पाना सिर्फ सरकारी नियमों या कानूनों तक सीमित नहीं है। यह हम सबकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी है। हर बार जब हम प्लास्टिक बैग लेने से इंकार करते हैं, जब हम कपड़े, जूट या कागज के बैग का उपयोग करते हैं, तब हम एक बड़ा संदेश देते हैं कि हमें अपनी धरती की चिंता है। इस दौरान सफाई अभियान चलाकर लोगों को प्लास्टिक का उपयोग न करने की शपथ भी दिलाई गई।