चौकी isbt में तीन नाबालिग लड़कियों को एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा बचाया गया। ये लड़कियां संभवतः अन्य राज्यों से आई थीं और संदेहास्पद परिस्थितियों में घूम रही थीं। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें सुरक्षित स्थान पर लाया और बाल संरक्षण टीम को सूचित किया। जिसका संज्ञान लेते हुए डॉ. गीता खन्ना ने इन तीनों बालिकाओं से राजकीय बालिका निकेतन केदारपुरम में मुलाकात की।
उन्होंने उनके परिवारों, उनके गृह स्थान और हालात के बारे में जानकारी ली, बालिकाओं से बातचीत के दौरान पता चला कि इनमे से एक बालिका सिलीगुड़ी की है व् अपने सौतेले पिता के अत्याचारों से परेशान होकर घर से निकल गयी व अन्य दोनों बालिकाएं सगी बहनें हैं जो की छतरपुर, बिहार की निवासी है जिनके माता-पिता की मृत्यु हो गई थी व् अपने चाचा-चाची के साथ गाँव में रहती थी जहाँ उनके साथ दुर्व्यवहार होने के कारण वह घर से दिल्ली की ओर निकल गई जहाँ तीनों बालिकाओं को अच्छे पैसे और नौकरी के लालच में एक व्यक्क्ति द्वारा दिल्ली से देहरादून लाया गया।
isbt यहाँ पहुंचकर उन्हें एक फ्लैट में रखा गया, जहाँ उनकी बिक्री की बात की जा रही थी। घबराकर, तीनों लड़कियों ने रात में भागने का निर्णय लिया और चादर के सहारे नीचे कूदकर फरार हो गईं। isbt
isbt डॉ. खन्ना ने बच्चियों को आश्वासन दिया कि वे सुरक्षित हैं और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक महिला और एक पुरुष शामिल हैं। ये लोग बालिकाओं को बेचने के लिए गाजियाबाद में अपने साथी से संपर्क कर रहे थे। isbt
मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की और न्याय सुनिश्चित किया। डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज के लिए चिंताजनक हैं और हमें मिलकर बाल अधिकारों की रक्षा के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने सभी से अपील की कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तत्काल संबंधित विभाग को दें।